Tuesday, August 17, 2010

जांच के घेरे में डिटेक्टिव

जांच के घेरे में डिटेक्टिव

 

भोपाल. रिटायर्ड जज के पुत्र टेलीकॉम इंजीनियर मनीष शुक्ला की हत्या के मामले में एक प्राइवेट डिटेक्टिव की भूमिका भी जांच के घेरे में है। पता चला है कि मनीष ने एक प्राइवेट डिटेक्टिव से संपर्क किया था। पुलिस के लिए यह जांच का विषय होगा कि मनीष को किस काम के लिए डिटेक्टिव की मदद लेना पड़ी थी। हत्या के 22 दिन बाद भी पुलिस आरोपियों का कोई ठोस सुराग नहीं जुटा पाई है।

सूत्रों के अनुसार मनीष की हत्या की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस को जांच के दौरान एक डिटेक्टिव की भूमिका के बारे में जानकारी मिली है। आखिर मनीष ने किस डिटेक्टिव की मदद ली थी और उसे क्या काम सौंपा था? ऐसे ही कुछ सवाल हैं, जिनके जवाब तलाशने में अब पुलिस जुटी है,हालांकि इस मामले में पुलिस अधिकारी आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कह रहे हैं।

गत 21 जुलाई की रात मनीष शुक्ला एमपी नगर की गॉसिप होटल से खाना खाकर निकला था। इसके अगले दिन उसकी लाश बिलकिसगंज इलाके के वीरपुर के जंगल में मिली थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला था कि गला रेंतकर उसकी हत्या की गई थी। उसकी सोने की चेन, अंगूठी, पर्स भी नहीं मिला था। मनीष की जेब में उसकी इंडिका कार की चाबी जरूर मिली थी। मनीष के पिता जबलपुर निवासी आरएन शुक्ला सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं।

जांच में अब तक क्या

मनीष को होटल तक छोड़ने आए ऑटो चालक से पूछताछ।उस मैकेनिक से पूछताछ, जिसके पास मनीष की कार सुधर रही थी।मनीष की कंपनी के कर्मचारियों व उसके दोस्तों के बयान।सचिन नाम के एक युवक से पूछताछ, मनीष का उससे विवाद हुआ था।मनीष के पिता सेवानिवृत्त न्यायाधीश आरएन शुक्ला के बयान।

.. और अब डिटेक्टिव की भूमिका की पड़ताल

क्या रही दिक्कत

मनीष का निवास निखिल होम्स में, लाश मिली बिलकिसगंज में।पुलिस को नहीं मालूम मनीष का प्रोफाइल। शव मिलने के तीन दिन तक नहीं हो सकी थी मनीष की शिनाख्त।दोस्तों व कंपनी के कर्मचारियों से भी नहीं मिली थी मनीष की ज्यादा जानकारी। पखवाड़े भर तक पुलिस मनीष के परिजनों के बयान नहीं ले सकी।

सीसीटीवी फुटेज खंगालेगी पुलिस

मनीष अपनी मौत से पहले एमपी नगर के जिस गॉसिप होटल में आया था, पुलिस उस होटल के सीसीटीवी फुटेज से भी आरोपी की जानकारी जुटा रही है। फुटेज से पुलिस यह पता करने की कोशिश कर रही है कि उस दिन होटल में किसी ने मनीष की रैकी तो नहीं की थी।

पुलिस के लिए यह भी जांच का विषय है कि ऑटो चालक मनीष को छोड़कर क्यों चला गया था? क्योंकि मनीष ने उस ऑटो चालक से रुकने को कहा था। मनीष ने उस ऑटो चालक को 100 रुपए भी दिए थे। पूछताछ में ऑटो चालक ने पुलिस को बताया था कि उसकी बहन अस्पताल में थी, उसे देखने वह जल्दी चला गया था।

http://www.bhaskar.com/article/MP-BPL-dectective-agency-comes-under-scanner-in-telecom-engineer-murder-case-1255367.html

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