Sunday, February 2, 2014

फरीदाबादः पत्नी और ससुरालवालों की प्रताड़ना के बाद पति ने की खुदकुशी

फरीदाबादः पत्नी और ससुरालवालों की प्रताड़ना के बाद पति ने की खुदकुशी

भाषा [Edited By: नमिता शुक्ला] | फरीदाबाद, 27 जनवरी 2014 | अपडेटेड: 06:21 IST

पति ने जहर खाकर की आत्महत्या


पति के प्रताड़ित किए जाने के बाद आजिज आकर आत्महत्या करने वाली महिलाओं की खबरें तो आती रहती हैं लेकिन क्या कोई पति अपनी बीवी और उसके घरवालों से इतना परेशान हो सकता है कि मौत को ही गले लगा ले! सुनने में अजीब लग रहा होगा लेकिन फरीदाबाद में एक ऐसा ही मामला सामने आया है.

पत्नी और ससुराल वालों की प्रताडऩाओं से तंग आकर एक व्यक्ति ने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली. पुलिस के अनुसार नई दिल्ली निवासी सिबी वर्गिस ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उसके भांजे 31 वर्षीय जोबिन पॉल की शादी (4 अक्टूबर, 2011) के बाद से ही उसकी पत्नी ममता सेठी, उसकी मां सत्या सेठी, सुनीता सेठी उसे प्रताड़ित करते थे.

इतना ही नहीं जोबिन पर मकान बेचने का दबाव भी डालते रहते थे, जिसके कारण जोबिन पॉल अपने माता-पिता को फरीदाबाद में छोड़कर केरल चला गया था. उन्होंने बताया कि जोबिन सिटी बैंक दिल्ली में नौकरी करता था. बीते 22 नवंबर, 2013 को उसकी पत्नी ममता अपने मायने चली गई थी.

जोबिन के काफी प्रयासों के बावजूद ममता वापस नहीं आ रही थी, जिसके चलते वह काफी परेशान था. उन्होंने बताया कि जोबिन पॉल पर उसके ससुराल वाले और ममता मकान बेचने का दबाव बना रहे थे, जिसके चलते उसने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली है.

http://aajtak.intoday.in/story/delhi-husband-commits-suicide-in-faridabad-1-753272.html

Crime against women: Karnataka sees 90% accused walk free

Crime against women: Karnataka sees 90% accused walk free

Arun Dev, TNN Jan 30, 2014, 06.33PM IST

BANGALORE: Notwithstanding enhancements in their economies, or the cosmopolitan status they enjoy allowing women to break traditional ceilings of society, Karnataka, Gujarat and Maharashtra seem to be doing little to protect women.

Conviction rate in Karnataka was 11.6 per cent in 2010, dropping to 9.3 per cent in 2011. In 2012, just 434 of the 23,525 charge-sheeted, went to jail, forming 6.5 per cent

Karnataka, Gujarat and Maharashtra are the states with the worst record of conviction for crime against women, with more than 90 per cent of the accused in the said states walking free from courts.
Analysis of Ministry of Home Affairs' data reveals that conviction rates in these states have been less than 10 per cent for over three years, as opposed to the national average of 21 per cent to 27 per cent. 

During the same time, states of Gujarat and Maharashtra record an average conviction rate of 4.6 per cent and 5.9 percent respectively, from 2010-2012.

Bangalore city police commissioner Raghavendra Auradkar told TOI: "I agree that we are going wrong somewhere and we need to wake up to this reality and act."

Referring to a recent acquittal, an investigating officer said when he took the complaint of domestic violence three years ago, it appeared water-tight. "However, the victim turned hostile after her husband agreed for divorce and compensation," he said.

Conviction rate:
2010 2011 2012
Gujarat 5.3% 4.1% 4.5%
Karnataka 11.6% 9.3% 6.5%
Maharashtra 5.9% 6.5% 5.5%
West Bengal 9.6% 9.2% 7.8%
National Avg 27.8% 26.9% 21.3%
(Source: Ministry of Home Affairs)
http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2014-01-30/bangalore/46826754_1_conviction-rate-karnataka-maharashtra

पति को प्रताड़ित करने पर पत्नी को चुकानी पड़ी कीमत, कोर्ट ने दिलाया हक

पति को प्रताड़ित करने पर पत्नी को चुकानी पड़ी कीमत, कोर्ट ने दिलाया हक

bhaskar news | Feb 02, 2014, 02:47AM IST

पति को प्रताड़ित करने पर पत्नी को चुकानी पड़ी कीमत, कोर्ट ने दिलाया हक


पति को प्रताड़ित करने पर पत्नी को चुकानी पड़ी कीमत, कोर्ट ने दिलाया हक

पति को प्रताड़ित करने पर पत्नी को चुकानी पड़ी कीमत, कोर्ट ने दिलाया हक

भोपाल.पत्नी द्वारा पति पर प्रताडऩा का मामला दर्ज कराने और भरण-पोषण मांगने के प्रकरण तो अक्सर पढऩे-सुनने में आते रहे हैं, लेकिन भोपाल में एक युवक द्वारा अपनी पत्नी से क्षतिपूर्ति राशि वसूलने का मामला सामने आया है। यही नहीं उसने कोर्ट में भरण-पोषण पाने के लिए भी दावा पेश किया है। 

युवक का कहना है पत्नी ने उसे दहेज प्रताडऩा के झूठे मामले में फंसा दिया था। केस तो वह जीत गया, लेकिन इस दौरान उसका कारोबार चौपट हो गया। इसलिए उसने पत्नी से भरण-पोषण राशि की मांग की है।

दरअसल मार्च 2010 में नीलबड़ निवासी नितिन अग्रवाल की शादी जहांगीराबाद में रहने वाली विम्मी ठाकुर से आर्य समाज मंदिर में हुई थी। चार माह बाद ही दोनों में विवाद होने लगे। बात थाने तक पहुंची। नितिन के मुताबिक विम्मी ने उस पर दहेज प्रताडऩा, मारपीट, धमकी देने और घरेलू हिंसा का मामला दर्ज करा दिया।

अदालत ने सुनवाई के बाद उन्हें बरी कर दिया। इसके बाद उन्होंने विम्मी के खिलाफ झूठे प्रकरण दर्ज करने के मामले में कार्रवाई करने के लिए कोर्ट में इस्तगासा लगाया। कोर्ट के आदेश के बाद विम्मी ने नितिन को 70 हजार रुपए क्षतिपूर्ति के रूप में दिए हैं। अब नितिन ने हिंदू मैरिज एक्ट के तहत विम्मी से भरण-पोषण राशि की मांग की है। 

उसका कहना है कि विम्मी कमाती हैं और वह बेरोजगार है। विम्मी के भाई यशवंत ठाकुर का कहना है कि वे इस बारे में कोर्ट में ही जवाब देंगे। कुछ नहीं कहना चाहते। है। इस बारे में उनके वकील ही जवाब देंगे।

पुरुष भी मांग सकते हैं अपना हक

फोरम अगेंस्ट मिसयूज ऑफ सेक्शन 498 ए के अध्यक्ष अशोक दसोरा का कहना है कि पुरुषों को भी अधिकार है कि वे भी क्षतिपूर्ति ले सकते हैं। यही नहीं वे हिंदू मैरिज एक्ट के तहत भरण-पोषण की मांग भी कर सकते हैं। अब तक प्रदेश में 34 पुरुष इस प्रावधान का लाभ ले चुके हैं। इधर, विम्मी के वकील कामता प्रसाद यादव का कहना है कि इस बारे में वे कानून के प्रावधानों के तहत जवाब देंगे।

http://www.bhaskar.com/article/MP-BPL-husband-get-money-from-wife-4509747-PHO.html?seq=1